दिल्ली। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज अपने पंजाब प्रवास के दौरान दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (डीएके) और अमृतसर बाईपास के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पंजाब लोक निर्माण विभाग के मंत्री श्री हरभजन सिंह ईटीओ और अमृतसर के सांसद श्री गुरजीत सिंह औजला भी उपस्थित थे।
पंजाब में 29,000 करोड़ रुपये की लागत से पांच ग्रीनफील्ड एवं आर्थिक गलियारे बनाए जा रहे हैं। इस 669 किलोमीटर लंबे दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण 40,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसके बन जाने पर दिल्ली से अमृतसर चार घंटे में और दिल्ली से कटरा छह घंटे में पहुंचा जा सकेगा। वर्तमान में, दिल्ली से कटरा की दूरी 727 किलोमीटर है और इस मार्ग के बन जाने से यह दूरी 58 किलोमीटर घट जाएगी।
दिल्ली के केएमपी से शुरू होकर, हरियाणा में बनाई जा रही इस एक्सप्रेसवे की लम्बाई 137 किलोमीटर है। पंजाब में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 399 किलोमीटर है, जिसमें से 296 किलोमीटर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जम्मू एवं कश्मीर में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 135 किलोमीटर है, जिसमें से 120 किलोमीटर का निर्माण चल रहा है। पंजाब में, यह एक्सप्रेसवे पटियाला, संगरूर, मलेरकोटला, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, गुरुदासपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों से होकर गुजरेगा।
इस गलियारे की एक प्रमुख विशेषता ब्यास नदी पर बनने वाला एशिया का सबसे लंबा, 1300 मीटर लंबा केबल आधारित पुल है। यह एक्सप्रेसवे सिख समुदाय के प्रमुख धार्मिक स्थलों- स्वर्ण मंदिर, कपूरथला जिले में स्थित सुल्तानपुर लोधी गुरुद्वारा, गोइंदवाल साहिब गुरुद्वारा, खंडूर साहिब गुरुद्वारा, गुरुद्वारा दरबार साहिब (तरनतारन) – को कटरा में माता दरबार वैष्णो देवी तक जोड़ेगा।
कुल 1475 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 50 किलोमीटर लंबे चार-लेन वाले अमृतसर बाईपास का कार्य प्रगति पर है। इसके बन जाने पर तरनतारन से अमृतसर एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। यह बाईपास अमृतसर की ट्रैफिक समस्या को हल करने में कारगर साबित होगा। इस मार्ग से अमृतसर की कनेक्टिविटी, परिवहन और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।